Uncategorized

अलर्ट: सारा दिन बैठे रहने से असमय मौत का खतरा ज्यादा

It's only fair to share...Share on Facebook
Facebook
Tweet about this on Twitter
Twitter
Email this to someone
email
Share on LinkedIn
Linkedin

पूरे दिन एक ही जगह बैठे रहने से असमय मौत का जोखिम बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि इस जोखिम को दूर रखने के लिए लोगों को थोड़े थोड़े अंतराल पर उठकर टहलना चाहिए।  

40 अध्ययनों के नतीजे : 
शोधकर्ताओं ने लगभग 40 अध्ययनों के नतीजों का विश्लेषण करके यह चेतावनी दी है। उन्होंने पाया कि कोई व्यक्ति जितना ज्यादा समय एक ही जगह बैठ कर गुजारता है, उसको दिल से जुड़ी बीमारियों, कैंसर, टाइप2 मधुमेह  और असमय मौत की चपेट में आने का उतना ही अधिक जोखिम होता है। शोधकर्ताओं ने कहा, जोखिम में इससे अंतर नहीं पड़ता कि कोई कार्यालय की कुर्सी पर बैठता है या गद्दे पर या कार की सीट पर। 

मांसपेशियों पर असर :
शोधकर्ताओं ने कहा, देर तक गतिहीन रहने से हमारी शरीर की मांसपेशियों की गतिविधि सीमित हो जाती है। खासकर पैरों और पीठ की बड़ी मांसपेशियों पर इसका असर पड़ता है। इससे बल्ड शुगर को नियंत्रित करने और हानिकारक रक्त वसा को हटाने की शरीर की क्षमता घट जाती है। लंबे समय तक बैठे रहने से रक्त वाहिनियों के कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ज्यादा खाने की आदत भी पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं। 

60 मिनट का व्यायाम रोज :
उन्होंने कहा, नियमित शारीरिक सक्रियता इन हानिकारक प्रभावों को कुछ हद तक कम कर देती है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से समाप्त नहीं कर सकती। लगभग एक दर्जन अध्ययनों के विश्लेषण से मिले नतीजों के आधार पर शोधकर्ताओं ने सुझाया कि हमें प्रति दिन कम से कम 60 मिनट तक हल्का मगर सघन व्यायाम करना चाहिए। ऐसे व्यायामों में तेजी से पैदल चलना, टेनिस खेलना या बॉलरूम डांस करना शामिल हैं। इससे पूरे दिन बैठे रहने से पैदा होने वाला असमय मौत का खतरा टल सकता है।  

केवल व्यायाम काफी नहीं : 
हालांकि एक अन्य अध्ययन के नतीजों ने दिखाया कि उपरोक्त मात्रा में व्यायाम करने से हमारे इंसुलिन के स्तरों और रक्त में मौजूद वसा पर घंटों एक ही जगह बैठे रहने के दुष्प्रभाव पूरी तरह खत्म नहीं होते। शोधकर्ताओं ने कहा, इससे साफ है कि एक बार व्यायाम करने के बाद पूरे दिन गतिहीन रहना समस्या का हल नहीं हो सकता। व्यायाम करने के बाद भी हमें पूरे दिन शारीरिक तौर पर सक्रिय रहना चाहिए।  

स्वस्थ जीवनशैली आवश्यक : 
विशेषज्ञों की मानें तो इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना आवश्यक है, जिसके लिए शारीरिक सक्रियता और व्यायाम दोनों जरूरी हैं। शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसे उपाय सुझाए हैं जो न केवल देर तक बैठे रहने से बचा सकते हैं, बल्कि सारा दिन शारीरिक तौर पर निष्क्रिय रहने के दुष्प्रभावों को भी कम कर सकते हैं। 

खड़े रहकर करें काम :
उन्होंने बताया कि कार्यालय में काम करने के दौरान हर आधे घंटे पर कुछेक मिनट के लिए कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाना और टहलना एक कारगर उपाय हो सकता है। अगर संभव हो तो ऐसे डेस्क का इस्तेमाल करें जिसपर खड़े होकर और बैठकर दोनों तरह से काम किया जा सकता हो। कार चलाने वालों के लिए बेहतर होगा कि वे कार को अपने दरवाजे से यथासंभव दूर पार्क करें ताकि उस तक पहुंचने के लिए उन्हें कुछ दूर पैदल चलने का मौका मिल जाए। बस या मेट्रो से सफर के दौरान बैठने की बजाय खड़े खड़े सफर करें। घर पर कंप्यूटर या टेलीविजन के साथ चिपके रहने से बचें। टेलीविजन देखें तो खड़ा रहकर ही देखें। 

Tags

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Hello world.
Login
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker